जड़ता मानसिक, प्राणिक, भौतिक, अवचेतन होती है । भौतिक जड़ता मानसिक जड़ता उत्पन्न कर सकती है । प्राणिक जड़ता लगभग हमेशा भौतिक को निष्प्राण, मलिन तथा सुस्त बना देती है । - श्रीअरविन्द

सोसायटी की गतिविधियां

 

श्रीअरविन्द-सोसायटी की कुछ एक गतिविधियां:-

  • श्रीअरविन्द-सोसायटी संसार की कई भाषाओं में पुस्तकें, पुस्तिकाएं और संवाद-पत्र प्रकाशित करती है। योग और साधना संबंधी पुस्तकों के अतिरिक्त सर्वजन की रूचि के लिये भारत, शिक्षा, बच्चों, प्रकृति और फूलों संबंधी विषयों पर भी एक अधिक गहरे दृष्ट्रिकोण को लेकर पुस्तकें प्रकाशित की जाती है।
  • श्रीअरविन्द-सोसायटी वीडियो कैसेट, औडियो कैसेट तथा स्लाइड भी तैयार करती है जिससे केंद्रो और सदस्यों को आत्म-विकास, सामाजिक रूपांतरण और मानव एकता के लिये अपने प्रयास में सहायता मिल सके।
  • शिक्षण-उपकरण, खेल-कूद, खिलौनों, भारतीय-संस्कृति, चेतना द्वारा प्रबंधन, स्वास्थ, अप्रचलित ऊर्जा-स्रोतों, समुचित प्रौद्येागिकी, जड़ी-बूटी से तैयार औषधियों, जैव-ऊर्जा तथा सर्वाधिक महत्वपूर्ण मनुष्य की प्रसुप्त क्षमताओं के जागण के लिए शोध-कार्य किये जा रहे हैं।
  • ‘ओरो सर्विस’ के द्वारा सच्चाई, सेवा और आध्यात्मिकता पर आधारित आर्थिक ढांचे के निर्माण का प्रयास किया जा रहा है।
  • युवा-परिषद् और महिला-परिषद् द्वारा यह प्रयत्न किया जा रहा है कि युवाओं और महिलाओं में जागृति उत्पन्न हो और उनकी शक्ति को एक नयी समाज-व्यवस्था के निर्माण की ओर मोड़ा जाये। दोनों ही परिषदें मासिक पत्रिकाओं का प्रकाशन कर रही है।
  • भारत में और भारत के बाहर नियमित रूप से सम्मेलन, विचार गोष्ठयां, स्वाध्याय-शिविर, शिक्षा-शिविर, युवा-शिविर तथा महिला-शिविर आयोजित किये जाते हैं।